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Welcome to Sarvatha Ayurved

A Legacy of Healing Since 2010

At Sarvatha Ayurved, we specialize in the Ayurvedic treatment of piles (hemorrhoids), fissures, and fistulas, offering a natural and holistic path to complete healing. Established in 2010, our mission has been to provide safe, effective, and long-lasting relief from anorectal disorders using the ancient wisdom of Ayurveda

भारतीय आयुर्वेद पद्धति द्वारा बिना ओप्रशन के करे पाइल्स , फिशर , फिस्टुला को जड़ से ख़तम

पाइल्स फिशर फिस्टुला क्या होता है ?

Piles / Hemmoroids

  

  • मलद्वार के पास मस्से /गाँठ होना 
  • शौच के टाइम खून/ पस का आना 
  • दर्द , जलन , चुभन , सूजन जैसी शिकायत होना 

मुख्यत : पाइल्स 2 तरह की होती है खुनी  और बादी और दोनों में 4  ग्रेड होती है 

Fissure
  • मलद्वार के पास कट लग जाना 
  • कट से खून / पस का निकलना 
  • निरंतर दर्द , जलन, सूजन होना

मुखयतः फिशर ज्यादा पेट ख़राब होने की वजह से या मल सख्त आने की वजह से होता है।  

Fistula
  • मलद्वार के पास फुंसी / फोड़ा जैसा बन जाता है 
  • मलद्वार के अंदर से एक टनल फुंसी तक बन जाना 
  • पस खून का लगातार फुंसी से निकलना 
  • दर्द , सूजन , बैठे में तकलीफ होना 

मुख्यतः जब गुदा के आसपास संक्रमण होता है और उसमें पस भर जाती है, तो यह धीरे-धीरे एक मार्ग (ट्रैक) बना सकता है, जिससे फिस्टुला बन जाता है।

Medicine

How To Use

अर्शुता वटी

Take 1 capsule Before Breakefast with Normal water or Milk 

रसवथ चूर्ण

Take half tablespoon with Lukewarm water twice a day 

अर्शुता लोशन

Apply 3 to4 drop on infected anal area  in night 

 

Visible Health Benefits

piles ke masse kaise sukhaye
बवासीर (Piles) क्यों होता है

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Frequently Asked Questions.

हां। सर्वथा किट से पाइल्स , फिशर ,  फिस्टुला के सभी लक्षण में तीसरे दिन से असर दिखना शुरू हो जाता है। 

हां, सर्वथा किट आयुर्वेदिक दवाएं जड़ से उपचार करती हैं। ये दवाएं न केवल पाइल्स , फिशर , फिस्टुला को ठीक करती हैं बल्कि इसके पुनरावृत्ति को भी रोकती हैं।

संभवतः यह व्यक्ति की स्थिति, बीमारी की गंभीरता और उसके खान-पान पर निर्भर करता है। आमतौर पर ३ – ५  दिनों में असर दिखने लगता है, लेकिन पूरी तरह ठीक होने में १ – २ महीने भी लग सकते हैं।

नहीं, अगर सही तरीके से ली जाए तो आयुर्वेदिक दवाओं के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते। ये प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनी होती हैं, जो शरीर के लिए सुरक्षित होती हैं।

खाने में शामिल करें – फाइबर युक्त आहार (हरी सब्जियां, फल, दलिया), पर्याप्त पानी, छाछ, त्रिफला, घी।
बचें – मसालेदार खाना, तला-भुना भोजन, शराब, धूम्रपान, ज्यादा चाय/कॉफी।

हां, आयुर्वेद में बिना सर्जरी के पाइल्स को जड़ से ठीक करने की क्षमता होती है। पंचकर्म, हर्बल दवाएं, और आहार-विहार से यह संभव है।

  • फाइबर युक्त आहार लें
  • रोजाना 3-4 लीटर पानी पिएं
  • नियमित व्यायाम करें
  • कब्ज से बचें
  • मल त्याग में ज्यादा जोर न लगाएं

हां, Sarvatha Ayurved की पाइल्स मेडिसिन ऑनलाइन उपलब्ध है। आप इसे हमारी वेबसाइट से मंगवा सकते हैं।